दिल का कुसूर बस इतना था
कुसूर तो था इन आँखों का,
जो चुपके से दीदार के बैठा.
हमने तो खामोश रहने की ठानी थी,
पर बेवफा ये दिल इज़हार कर बैठा. Pyar ki Shayari
कुसूर तो था इन आँखों का,
जो चुपके से दीदार के बैठा.
हमने तो खामोश रहने की ठानी थी,
पर बेवफा ये दिल इज़हार कर बैठा. Pyar ki Shayari